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खुले वातावरण में चरने वाली देसी गाय के दूध को मिट्टी की हांड़ी में डालकर गौमाता के उपलों की धीमी आँच में पूरा दिन पकाया जाता है फिर रात्रि के प्रथम पहर में उसमे जामन लगाया जाता है जिससे रात्रि में उसकी दही बन जाती है फिर सुबह ब्रह्म मुहूर्त में बिलौना से दही को आकर्षण विकर्षण विधि से बिलौने से हमें माखन प्राप्त होता है इस माखन को बिलकुल धीमी आँच में गर्म करने से वैदिक घी प्राप्त होता है